147 Part
148 times read
1 Liked
राम ने भरत को हृदय से लगा लिया और कहा, भैया भरत! तुम तो अत्यंत नीतिवान हो। क्या तुम समझते हो कि मुझे राज्य के निमित्त पिता के वचनों को भंग ...